परिचय
भारत सरकार ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission – JJM) की शुरुआत की थी, जिसका मूल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार को घर-घर नल से पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम का स्लोगन है “हर घर जल” यानी हर घर जल-नल से जल।
यह योजना सिर्फ पाइपलाइन बिछाने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थायी स्रोत, पुनर्भरण, जलसंरक्षण तथा गुणवत्ता-जांच पर भी जोर देती है।
उद्देश्य एवं लक्ष्य
- ग्रामीण गृहों को प्रति व्यक्ति कम से कम 55 लीटर प्रतिदिन पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- प्रत्येक ग्रामीण घर को “फंक्शनल-हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (FHTC)” देना।
- स्रोत-सततता सुनिश्चित करना: जैसे वर्षा जल संचयन, ग्रे वाटर पुनरुपयोग, जल संसाधन संरक्षण।
- कम्युनिटी-सहभागिता बढ़ाना: ग्राम पंचायत, पानी समिति, स्वास्थ्य-शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना।
कार्यप्रणाली
- नल-जल कनेक्शन बिछाना – प्रत्येक घर तक पाइपलाइन एवं टैप कनेक्शन देना।
- क्वालिटी मॉनिटरिंग – जल-गुणवत्ता की नियमित जांच; रसायनिक एवं जीवाणु-परख।
- सामुदायिक स्वामित्व – ग्राम स्तरीय पानी समिति गठित करना, ग्रामीणों को प्रशिक्षित करना (जैसे FTK-फील्ड टेस्ट किट) ताकि जल-गुणवत्ता पर निगरानी हो सके।
- स्रोत संरक्षण एवं रख-रखाव – पुराने पानी स्रोत एवं वितरण व्यवस्था को पुनः व्यवस्थित करना, नए स्रोत विकसित करना।
लाभ
- ग्रामीण जनता को घर के अंदर नल से पानी मिलने से महिलाओं और बच्चों का समय पानी लाने में नहीं खर्च होगा, जिससे शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए समय मिलेगा।
- जलजनित रोगों और अस्वस्थ पानी से होने वाले स्वास्थ्य-खतरे कम होंगे।
- आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से ग्रामीण जीवन-मान में सुधार होगा।
- राज्यों की विकासशील छवि बनेगी; स्थानीय रोजगार एवं प्रशिक्षण-अवसर बढ़ेंगे।
प्रगति एवं वर्तमान स्थिति
- इस मिशन की शुरुआत के समय (2019) ग्रामीण घरों में टैप कनेक्शन सिर्फ लगभग 17% था।
- अब तक देशभर में करोड़ों घरेलू कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उदाहरणस्वरूप: “15.56 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों को टैप पानी उपलब्ध हुआ”।
- कुछ राज्यों/संघ-शासित क्षेत्रों ने 100% ग्रामीण कनेक्शन भी सुनिश्चित कर लिया है।
- हालांकि अभी कुछ राज्यों में पूर्णता नहीं है और स्रोत-सततता एवं वितरण में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
- कई स्थानों पर पाइपलाइन तो बिछ गई है, लेकिन सूखापन, वितरण-रोकाव, स्रोत-शुष्कता अथवा जल-गुणवत्ता की समस्या बनी हुई है। > “the real ground report—not what PM Modi says… only ~30% households actually receive tap water as main source”.
- रख-रखाव एवं संचालन-व्यवस्था कमजोर होती जा रही है; स्थानीय स्तर पर तकनीकी एवं मानव संसाधन की कमी।
- जल स्रोतों का पर्याप्त पुनर्भरण एवं संरक्षण जरूरी है—उदाहरण: वर्षा जल संचयन व स्रोत बढ़ाना।
- ग्रामीण समुदाय की सक्रिय भागीदारी और निगरानी प्रणाली को मजबूत करना अहम।
कैसे लाभ लें – ग्रामीण गृहों के लिए सुझाव
- अपने ग्राम-पंचायत से पूछें कि क्या आपका घर “फंक्शनल टैप कनेक्शन” प्राप्त कर चुका है।
- यदि टैप कनेक्शन नहीं है, तो स्थानीय जल आपूर्ति विभाग या ग्राम तालमेल से आवेदन करें।
- पानी की गुणवत्ता जांच हेतु उपलब्ध परीक्षण-किट-FTK के प्रशिक्षण-सत्र में भाग लें।
- जल स्रोतों की रख-रखाव हेतु गाँव की पानी समिति में शामिल हों; वर्षा जल संचयन करे एवं पानी बर्बाद न होने दें।
- यदि समस्या आती है (सूखा जुड़ाव, पाइपलाइन टूट-फूट), तो अपने ब्लॉक/जिला जल आपूर्ति अधिकारी से शिकायत करें और संबंधित वेबसाइट/डैशबोर्ड देखें: https://jaljeevanmission.gov.in (आधिकारिक पोर्टल) jaljeevanmission.gov.in
निष्कर्ष
“हर घर जल” अर्थात जल जीवन मिशन, ग्रामीण भारत के लिए एक क्रांतिकारी पहल है — जहाँ हर ग्रामीण परिवार को घर के अंदर नल से स्वच्छ पानी मिले। यह सिर्फ आवासीय सुविधा नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य का अवसर है। हालांकि चुनौतियाँ मौजूद हैं, लेकिन प्रेरक प्रगति ने उम्मीद जगाई है। यदि हम सामुदायिक भागीदारी, स्रोत-संरक्षण, संचालन-प्रबंधन एवं गुणवत्ता-निगरानी को प्रभावी बनाएँ तो यह मिशन सफलतापूर्वक लक्ष्य को पा सकता है।